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मेरा शहर दिन में भी सोता हैं ! इसे उठाओ
हैं बहुत अजीब सी बात पर मेरा शहर दिन में भी सोता हैं | आप कहेंगे ” क्या शहर भी कहीं सोता हैं ?” , जी हाँ अब तो शहर भी सोने लगे हैं | एक समय था जब लोग ही सोते थे | दिन भर काम करते थे , मेहनत मजदूरी से दिन भर…
अभी देर नहीं हुई
न संभालोगे तो मिट जाओगे ये हिंदोस्ता वाले कोई दास्ताँ भी न होगी दस्तानो में…. ये सत्य हैं की हमारी सामाजिक परिस्थिति बहुत सही नहीं हैं , आंतकवाद , नक्सलवाद से हम और हमारा देश जूझ रहा हैं पर अब भी देर नहीं हुई हैं | जरुरत हैं एक बार फिर से इमानदार होगे आत्म…