Month: August 2022

ख़ुदकुशी तो बस एक बहाना था

ख़ुदकुशी तो बस एक बहाना था

ख़ुदकुशी तो बस एक बहाना था हमे तो बस तेरी महफ़िल से दूर जाना था भागे बहुत दूर शहर गांव दरिया दरख्त जहाँ पहुंचे पाया वहां तेरा ठिकाना था पता था झूठे थे सब तेरे वादे तेरी कसमे मुझे तो मेरे हिस्से का बस सच निभाना था जिंदगी ऐसी बिना लिहाफ के हो एक सर्द…

आज फिर बारिश हुई

आज फिर बारिश हुई

आज फिर बारिश हुई कोई नाव नहीं बनाई फुटबाल भी नहीं खेला बारिश में चाय पकोड़े नहीं ढूंढे कुछ भी बचकाना नहीं किया जो मैं करता था जो करना मुझे पसंद था जिसके लिए मैं बारिश का इंतज़ार करता था चेहरे पे बुँदे अच्छी नहीं लगती पानी में छप छप परेशान करता हैं गीले कपडे…