Month: January 2022

दर्द की तहे

दर्द की तहे

ये दर्द की तहे मुझे समझ नही आती, जब भी लगता हैं उभर गए, उभर जाता हैं संभलते हैं जब भी उनके जाने के गम से बिछड़ा हुआ कोई दिल से गुजर जाता हैं ज़िन्दगी जब लेती हैं इम्तेहान समीर रात बीतती नही, न सहर आता हैं दर्द से भागें है हम उम्रभर, अब समझे…