Month: December 2021

मेरा शहर दिन में भी सोता हैं ! इसे उठाओ

हैं बहुत अजीब सी बात पर मेरा शहर दिन में भी सोता हैं | आप कहेंगे ” क्या शहर भी कहीं सोता हैं ?” , जी हाँ अब तो शहर भी सोने लगे हैं | एक समय था जब लोग ही सोते थे | दिन भर काम करते थे , मेहनत मजदूरी से दिन भर…

अभी देर नहीं हुई

न संभालोगे तो मिट जाओगे ये हिंदोस्ता वाले कोई दास्ताँ भी न होगी दस्तानो में….  ये सत्य हैं की हमारी सामाजिक परिस्थिति बहुत सही नहीं हैं , आंतकवाद , नक्सलवाद से हम और हमारा देश जूझ रहा हैं पर अब भी देर नहीं हुई हैं | जरुरत हैं एक बार फिर से इमानदार होगे आत्म…

पत्थर की दीवार

पत्थर की दीवार

मैं एक पत्थर की दीवार सा हूँ जो ईंटों के इमारतों के शहर में रह सा गया हूँ , बच सा गया हूँ न ही हर साल मेरी पुताई हो सकती हैं न लोगो की पसंद का कोई रंग मुझपे चढ़ता हैं न अलग अलग रंगो में चमक सकता हूँ एक खुदरंग पत्थर की दीवार…

जमीं और आसमां

जमीं और आसमां

किसी ने कहा हैं किसी को मुक्कमल जहान नहीं मिलता मुझे भी कभी नहीं मिला जमीं तो थी लेकिन आसमां नहीं था हक़ीक़त थी ख्याब नहीं था आज तो था कल का गुमान नहीं था फिर तुम मिली पूरा आसमां था तुम्हारे आँचल में क्षितिज तक दूर फैला हुआ सिमटा हुआ तुम्हारी आखों में विस्तृत,…