आज माँ को घर आना हैं

By Samir
In Poems
December 20, 2021
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कल देर से सोया पर, नींद भी मुझको अच्छी आयी,
धूप भी आज खूब खिली हैं , दिन भी आज सुहाना हैं
सब मिलके बता रहे हैं मुझको, आज माँ को घर आना हैं

नाश्ते में जायका अलग, घर भी ज्यादा साफ हुआ
सुबह से बालकनी में मेरे  परिंदो का ठिकाना हैं
सब मिलके बता रहे हैं मुझको, आज माँ को घर आना हैं

ड्राइंगरूम के पेड़ में आज नई कोपलें देखी मैंने
ऊपर के फानूस में भी कुछ तो आज इतराना हैं
सब मिलके बता रहे हैं मुझको, आज माँ को घर आना हैं

बीवी भी कुछ ज्यादा सुंदर, बच्चे भी कुछ ज्यादा प्यारे
सब कुछ नया सा हैं घर में, छूटा सब पुराना हैं
सब मिलके बता रहे हैं मुझको, आज माँ को घर आना हैं
आज माँ को घर आना हैं

 

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