अभी देर नहीं हुई

By Samir
December 17, 2021
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न संभालोगे तो मिट जाओगे ये हिंदोस्ता वाले कोई दास्ताँ भी न होगी दस्तानो में…. 

ये सत्य हैं की हमारी सामाजिक परिस्थिति बहुत सही नहीं हैं , आंतकवाद , नक्सलवाद से हम और हमारा देश जूझ रहा हैं पर अब भी देर नहीं हुई हैं | जरुरत हैं एक बार फिर से इमानदार होगे आत्म विशलेषण करने की, एक नए सिरे से बदलाव की कोशिश करने की | हम आज सिर्फ अपने लिए सोचते हैं, मैं, मेरा परिवार, मेरा काम बस…. समाज , प्रान्त और देश का जिम्मा हमने औरो के लिए छोड़ दिया हैं , वहां हम कोई जिम्मेदारी नहीं समझते |

अगर अभी से भी हम अपने सोचने के नज़रिए को बदले तो हम कुछ चीजों पर जीत हासिल कर सकते हैं| वो लोग जो आज नक्सलवाद या आतंकवाद के साथ हैं वो कोई और नहीं हैं , वे लोग बाहर से नहीं आये | ये वो लोग हैं जिन्हें हमने सरकार और उसके तंत्र के जिम्मे छोड़ दिया| कभी आगे बढ़के किसी से बात नहीं की, कभी किसी के दर्द को नहीं समझा| धर्म, जात सरकरो के बीच में नहीं , हमारे बीच में हैं , किसी को हीन भावना से हमने देखा न की सरकार ने| लोगो के पास खाने को नहीं था और हम लोग बोटिया तोड़ रहे थे | लोगो ने मंदिर , मस्जिद तोड़े और हम सिर्फ न्यूज़ देखने में लगे रहे | कभी भी किसी के तरफ अपना हाथ नहीं बढाया, किसी की मदद नहीं की | जब लोगो को मदद नहीं मिलती वहां वो अपने फैसले खुद करने लगते हैं , और हम उनके फैसले को आतंकवाद और नक्सलवाद कहते हैं | अगर हम मदद करते तो हालत यहाँ तक नहीं आती , पर जब जागो तभी सवेरा |

अभी से भी अपनी सोच को बदलना होगा | हमेशा अपने से आगे बढ़के सोचे | जहाँ तक हो सके लोगो से सही तरीके से पेश आये | मोहब्बत से मोहब्बत फैलती हैं …. एक बात समझनी होगी … आंतकवाद हो या नक्सलवाद, ये कोई शारीरिक बीमारी नहीं हैं जो फ़ैल रही हैं , ये एक धारणा हैं जो उपेषा, भय और असुरक्षा से पनपी हैं | धारणा गोली मारने से नहीं मरती पर और ज़्यादा फैलती हैं लेकिन धारणा बदली जा सकती हैं धारणा से | किसी लकीर को छोटी करने के लिए उसके बगल में एक बड़ी लकीर खीच दीजिये , पहली लकीर आप ही छोटी हो जाएगी | वो लोग जिन्हें आज बन्दूक पे भरोसा हैं उनका भरोसा बाकि चीजों से हट गया हैं , क्योंकि कोई उनके साथ नहीं था , न सरकार , न तंत्र और न हम | सरकार और तंत्र तो अपने तरीके से इन्हें संभालना चाहते हैं , चलिए हम भी अपनी कोशिश करे | इस कोशिश के लिए कहीं दूर जाने की जरुरत नहीं हैं , बस अपने आसपास लोगो से प्यार करे , उनका ख्याल करे , और धीरे धीरे आपका प्यार पूरे हिन्दोस्तान में फ़ैल जायेगा | सिर्फ अपने आसपास के लोगो का ख्याल रखे जाहे वो किसी भी धर्म को मानने वाले हो, चाहे किसी भी जात के हो , या कोई भी काम करते हो | बस उनसे प्यार से बात कीजिये , उनके दर्द को महसूस कीजिये और अगर हो सके तो उनकी मदद भी कीजिये | और एक दिन आपकी दी हुई मोहब्बत हिन्दोस्तान के अलग अलग हिस्सों से होती हुई आपको कई गुना बढ़ के मिलेगी और आपको बहुत अच्छा लगेगा | और वो मोहब्बत आपके बाद आपके की बच्चो को महफूज़ रखेगी , और जब उन्हें जरुरत होगी तो कहीं न कहीं से उन्हेंसँभाल लेगी | आज से ही शुरू कीजिये ,

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